पराली मामले में 190 किसानों पर एफआईआर, 14 सरपंचों और 24 नंबरदारों को नोटिस

फतेहाबाद । जिले में पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ प्रशासन सख्त रवैया अपना रहा है। हरसैक से मिली 895 स्थानों की रिपोर्ट में से 270 स्थान गलत पाए गए। नतीजतन 190 किसानों पर एफआईआर दर्ज की गई है और 14 सरपंचों व 24 नंबरदारों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया गया है कि उन्होंने अपने क्षेत्रों में पराली जलाने की सूचना क्यों नहीं उपलब्ध कराई?

बुधवार को जिला उपायुक्त धीरेन्द्र खड़गटा ने लघु सचिवालय के सभागार में बताया कि जिले में पराली जलाने की घटनाओं में 50 फीसदी की कमी आई है। पिछले वर्ष पराली जलाने की 1312 घटनाएं हुई थीं, जबकि इस वर्ष अभी तक महज 625 है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन ने पराली जलाने के नुकसान के बारे में जहां लोगों को जागरूक किया है, वहीं पराली जलाने वाले किसानों पर सख्ती भी दिखाई है। अब तक 190 एफआईआर दर्ज की गई है। जबकि 14 सरपंचों और 24 नवंबरदारों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है। दो दिन के अंदर संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो इनके निलंबन की कार्रवाई भी की जा सकती है।

उपायुक्त ने बताया कि जिले में पराली जलाने की घटनाओं पर नजर रखने के लिए 30 टीमों का गठन किया गया है। ये टीमें लगातार निगरानी कर रही हैं और सख्त कार्रवाई भी कर रही हैं। इसके अलावा रात के लिए भी तीन टीमें बनाई गई हैं। जिन गांवों के सरपंचों को नोटिस जारी किया गया है, उनमें गांव साधनवास, जमालपुर शेखां, शक्करपुरा, कन्हड़ी, लाम्बा, बबनपुर, कुदनी, तलवाड़ा, अलीका, पिरथला, हुकमावाली, ललौदा, हड़ोली तथा कलोठा गांव शामिल हैं। इसके अलावा गांव जमालपुर शेखा के तीन नंबरदार, टोहाना के तीन नंबरदार, साधनवास के तीन नंबरदार तथा भूना के 14 नंबरदारों को नोटिस जारी किया गया है।

पुलिस अधीक्षक विजय प्रताप सिंह ने बताया कि पराली न जलाने तथा आगजनी की घटनाओं की रोकथाम के लिए डीएसपी की देखरेख में एक्शन ग्रुप बनाया गया है। सीआईए स्टाफ सहित रतिया व टोहाना में भी स्पेशल स्टाफ नियुक्त किया गया है। चौकी इंजार्च तथा संबंधित क्षेत्र के ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मचारी भी आगजनी की घटनाओं पर कड़ी निगरानी रखेंगे।

उन्होंने बताया कि जहां धान की कटाई हो चुकी है, वहां का भी निरीक्षण किया जाएगा। कानूनों की अवहेलना करने वालों के खिलाफ शीघ्र कानूनी कार्यवाही की जाएगी। इस अवसर पर नगराधीश नवीन कुमार, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उप निदेशक डॉ बलवंत सहारण सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

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