भीमा कोरेगांव मामला : 14 को होगा एनआईए की याचिका पर फैसला

मुंबई । पुणे जिला सत्र न्यायालय के विशेष न्यायाधीश एसआर नावंदर की अदालत भीमा कोरेगांव मामले के स्थानांतरण को लेकर एनआईए (नेशनल इंवेस्टिगेटिव एजेंसी) की याचिका पर 14 फरवरी को फैसला करेगी। शुक्रवार को सरकारी वकील उज्ज्वला पवार ने इस मामले को एनआईए को दिए जाने का जोरदार विरोध किया है। अदालत ने मामले का निर्णय 14 फरवरी तक सुरक्षित रख लिया है। एनआईए की ओर से नामदेव तरलगुट्टी तथा सरकारी वकील के रूप में उज्ज्वला पवार तथा बचाव पक्ष की ओर से शहीद अख्तर, रोहन पवार, सुरेंद्र गडलिंग, सिद्धार्थ पाटील और राहुल देशमुख ने अपना पक्ष कोर्ट के समक्ष रखा है। बचाव पक्ष की ओर से कहा गया कि सत्र न्यायालय को किसी भी पहले से दर्ज मामले की जांच किसी अन्य एजेंसी को दिए जाने का निर्णय लेने का अधिकार नहीं है। जबकि सुरेंद्र गडलिंग ने कहा कि राज्य सरकार इस मामले  की जांच करने में सक्षम है, इसलिए मामले को एनआईए को नहीं देना चाहिए। उल्लेखनीय है कि पुणे जिले में स्थित भीमा कोरेगांव में एक जनवरी, 2018 को विजय जुलूस के दौरान हुई हिंसा में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और करोड़ों रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ था। इस घटना से पहले भीमा कोरेगांव में ही एल्गार परिषद का आयोजन किया गया था। पुणे पुलिस ने इस मामले की सघन जांच जारी रखी थी, लेकिन राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस मामले की जांच एनआईए को सौप दी।लेकिन पुणे पुलिस ने एनआईए को इस जांच से संबंधित कागजात देने से मना कर दिया। इसीलिए एनआईए ने पुणे जिला सत्र न्यायालय में जांच से संबंधित दस्तावेज मिलने और मामले की सुनवाई एनआईए कोर्ट में दिए जाने के लिए याचिका दायर की है।

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