भूकम्प मॉक ड्रिल रिहर्सल : लघु सचिवालय में आया भूकंप, पंहुचा एनडीआरएफ टीम का बचाव दल

एनडीआरएफ के बचाव दल ने निकाला घायलों को इमारत से सुरक्षित बाहर
सायरन के साथ हुई मॉक ड्रिल एक्सरसाईज, उपायुक्त आरएस ढिल्लो और एनडीआरएफ की टीम ने दी बचाव की जरूरी जानकारी
भिवानी। वीरवार को लघु सचिवालय परिसर में जिला प्रशासन और एनडीआरएफ टीम द्वारा संयुक्त रूप से भूकंप की मॉक ड्रिल आयोजित की गई। दोपहर बाद करीब चार बजे सायरन बजने के साथ मॉक ड्रिल शुरु हुई। एनडीआरएफ के बचाव दल ने नए सरल केंद्र भवन में फंसे घायलों को सुरक्षित बाहर निकाला। सायरन के साथ लघु सचिवालय परिसर से सभी अधिकारी व कर्मचारी स्वयं के बचाव के लिए अपने-अपने कार्यालयों से निकल कर बाहर पार्क में एकत्रित हुए।
उपायुक्त श्री ढिल्लो ने एमरजेंसी ऑप्रेशन सैंटर में अधिकारियों के साथ तुरंत बैठक की और निर्देश दिए कि भूकंप से प्रभावित घायलों की मदद की जाए तथा जो कर्मचारी सरल केंद्र में फंसे हुए हैं उनको तुरंत बाहर निकालकर उनका उपचार किया जाए। भूकम्प की तीव्रता 6.5 रिएक्टर मापी गई। भूकम्प से कुल 28 लोग घायल हुए, जिनको प्राथमिक उपचार के बाद सामान्य अस्पताल रेफर किया गया।
आपदा प्रबंधन के तहत लघु सचिवालय परिसर में वीरवार को भूकम्प की मॉक ड्रिल रिहर्सल की गई, जिसमें भूकम्प का यह नजारा दिखाई दिया। उपायुक्त के निर्देशानुसार पर सभी विभागों के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने राहत शिविर की तरफ कूच किया। मॉक ड्रिल रिहर्सल में भूकंप के दौरान लघु सचिवालय परिसर में शॉर्ट सर्किट से एक जगह आग भी लगी, लेकिन फायर ब्रिगेड की गाड़ी तुरंत मौके पर पहुंची और आग पर काबू पा लिया गया। फायर ब्रिगेड की टीम ने 10 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला। वहीं दूसरी ओर एनडीआरएफ टीम के नेतृत्व में पहुंचे बचाव दल ने भी सरल केंद्र में फंसे 11 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला। उन्होंने छत से रस्सी का सहारा लिया। एक तरफ से इमारत और दूसरी तरफ पेड़ों पर रस्से बांधे गए। एनडीआरएफ ने सरल केंद्र से एक कुत्ते को भी सुरक्ष्तिा बाहर निकाला। इस दौरान भारत एंड स्काऊट के वालंटीयर ने भी इमारत में दबे छह सदस्यों को सकुशल बाहर निकाला। युवाओं ने पूरा सफूर्ति के साथ कार्य किया।
मलबे को काटकर निकाला सुरक्षित बाहर
एनडीआरएफ के बचाव दल ने भूकंप से मलबे में दबे एक व्यक्ति को सुरक्षित निकाला। इसके लिए उन्होंने अपने संसाधनों से पत्थर, लोहे व स्टील के मलबे को कटर से काटा। बड़ी ही सावधानी से बचाव का ऑप्रेशन चलाया गया। रेसक्यू ऑप्रेशन के दौरान एनडीआरएफ की टीम ने डॉग स्कवेयड का सहारा लिया। उनकी टीम में दो कुत्ते शामिल रहे, जिन्होंने इमारत में यह देखा कि यहां कोई और व्यक्ति तो दबा हुआ नही रहा है।
स्वास्थ्य विभाग ने लगाया चिकित्सा शिविर
मॉक ड्रिल के दौरान एक चिकित्सा शिविर लगाया। सभी घायलों को चिकित्सा शिविर तक पहुंचाया गया, जहां पर उनका प्राथमिक उपचार किया गया। प्राथमिक उपचार के बाद गंभीर रूप से घायलों को रेफर किया गया। भूकंप की सूचना के साथ ही एंबूलेंस भी मौके पर पहुंची। मॉक ड्रिल के दौरान घायलों की मदद में पुलिस, स्वास्थ्य विभाग, रैडक्रॉस वॉलंटियर के साथ-साथ सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों व मीडिया के कॢमयों ने बड़ी भूमिका निभाई। रैडक्रॉस के वॉलंटियर घायलों के रूप में मौजूद रहे। इसके अलावा रक्तदान के लिए तैयार रहे।

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