मध्यप्रदेश: समस्याओं को लेकर कुछ गांवों में हुआ मतदान का बहिष्कार, समझाने पर माने ग्रामीण

भोपाल । लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण में मध्यप्रदेश की सात संसदीय क्षेत्रों में सोमवार को मतदान जारी है। इस दौरान कुछ गावों में मूलभूत समस्याओं को लेकर ग्रामीणों द्वारा मतदान का बहिष्कार भी किया गया। इनमें सतना संसदीय क्षेत्र टिसकिली व सुकवारी, बैतूल क्षेत्र के नेवरा गांव, टीकमगढ़ के बडोरा घाट, होशंगाबाद के सोमालवाड़ा खुर्द और दमोह संसदीय क्षेत्र के कौशलपुर गांव शामिल हैं। बाद में अधिकारियों की समझाइश के बाद ग्रामीण मान गए और वोटिंग के लिए तैयार हुए। 
जानकारी के मुताबिक, सतना लोकसभा क्षेत्र के मैहर तहसील मुख्यालय से 25 किलोमीटर दूर स्थित टिसकिली और सुकवारी पंचायत के ग्रामीणों ने दो माह पहले ही प्रशासन को अवगत करा दिया था कि हमारे गांव में सड़क नहीं बनेगी, तो हम मतदान का बहिष्कार करेंगे। प्रशासन ने उनकी मांग पर ध्यान नहीं दिया, इसलिए दोनों गांवों के लोगों ने सोमवार को मतदान का बहिष्कार कर दिया। सूचना मिलने पर निर्वाचन अधिकारी मौके पर पहुंची और ग्रामीणों को समझाकर उन्हें मतदान के लिए राजी किया। ग्रामीणों का कहना था कि उन्हें हमेशा आश्वासन ही मिलता है, उनकी मांग पूरी नहीं जाती। इसीलिए उन्होंने मतदान का बहिष्कार किया है। अधिकारियों ने उन्हें गांव में सड़क बनवाने का आश्वासन दिया है, इसलिए वे वोटिंग के लिए तैयार हुए हैं। 
इसी तरह बैतूल संसदीय क्षेत्र में भैंसदेही विधानसभा के ग्राम नेवरा के लोगों ने पेयजल की समस्या को लेकर मतदान का बहिष्कार किया। गांववालों का कहना है कि वे लम्बे समय से जलसंकट से जूझ रहे हैं, लेकिन उनकी व्यथा सुनने वाला कोई नहीं है। गांव में पानी की कोई व्यवस्था नहीं है। उन्हें भीषण गर्मी में तीन-चार किलोमीटर दूर से पानी लाना पड़ता है। गांव में 420 मतदाताओं ने वोटिंग का बहिष्कार किया है। सूचना मिलने के बाद निर्वाचन अधिकारी मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों को समझाइश देकर मतदान के लिए तैयार कराया। गांव में दोपहर 12 बजे बाद मतदान शुरू हुआ। वहीं, टीमकगढ़ लोकसभा क्षेत्र के ग्राम बडोरा घाट में पानी की समस्या को लेकर मतदान का बहिष्कार किया गया। अधिकारियों की समझाइश के बाद ग्रामीणों ने वोटिंग की।
इधर, होशंगाबाद संसदीय क्षेत्र में सोहागपुर विधानसभा के ग्राम सोमालवाड़ा खुर्द और दमोह लोकसभा क्षेत्र में रनेह थाना क्षेत्र में आने वाले गांव कौशलपुर के लोगों ने भी अपनी मांगें पूरी नहीं होने पर मतदान का बहिष्कार किया। सूचना मिलने पर अधिकारियों ने गांवों में पहुंचकर ग्रामीणों की समझाया और वोटिंग शुरू करवाई।

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