मध्‍य प्रदेश का इंदौर बैठा है कोरोना की भट्टी पर, एक ही इलाके से अब तक 12 मरीज मिले

इंदौर । मध्‍य प्रदेश की आर्थ‍िक राजधानी इंदौर में इस वक्‍त चारों तरफ भय और आशंका का माहौल है। हर कोई एक दूसरे को संदेह की दृष्‍टि से देख रहा है कि कहीं सामने वाले में कोरोना वायरस न हो, नहीं तो उसकी आग उन्‍हें भी झुलसा सकती है। लोग जहां एक-दूसरे के साथ बातचीत और व्‍यवहार करते समय विशेष सावधानी बरत रहे हैं वहीं अब एक ही मोहल्‍ले से 12 कोविड-19 से संक्रमित मिले हैं। ये वही एरिया है जहां कुछ दिन पहले करोना संक्रमण की जांच करने पहुंची डॉक्टरों की टीम पर पत्थर बरसाए गए थे। इस जिंदादिल शहर के टाटपट्टी बाखल में 11 दिन पहले एक व्यक्ति की कोरोना से मौत हुई थी। इसके बाद प्रशासन और स्वास्थ्य अमले ने यहां पहुंचकर लोगों की कोरोना जांच करना शुरू किया ही था कि उनके साथ अभद्र व्‍यवहार होने लगा। कहीं उन पर थूकने तो कहीं से गालियों की बौछार के साथ पत्‍थर बरसाने की घटनाएं सामने आईं, जिसके बाद सभी स्‍वास्‍थ्‍य कर्मी किसी तरह से वहां से अपनी जांच बचाते हुए से भागे थे लेकिन फिर दूसरे ही दिन ये कोरोना वॉरियर्स इस एरिया में जाकर अपने काम में जुट गए और इस पूरे मोहल्‍ले के लिए अब साक्षात भगवान बनकर सामने आए हैं, क्‍योंकि स्‍कैनिंग के जरिए इन्‍होंने यहां इस एक संक्रमित व्‍यक्‍ति के संपर्क में रहे 68 लोगों को क्वारेंटाइन कराया है । जांच के बाद सामने आया है कि अब इन्हीं लोगों में से 12 संक्रमित हैं। इस टाटपट्टी बाखल में प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीम लोगों की लगातार स्क्रीनिंग कर रही है। यदि इन सभी को समय रहते खोजकर  क्वारेंटाइन नहीं किया जाता तो ये टाटपट्टी बाखल क्षेत्र ही नहीं पूरा शहर ही इनके जरिए कोरोना (कोविड-19) वायरस की गिरफ्त में आ जाता और हजारों लोगों तक अपनी संक्रमण की चेन बना चुका होता।
उधर, इंदौर जिले में अब तक ढाई हजार लोगों को क्वारेंटाइन किया गया है। शनिवार को नए संक्रमित रोगियों के सामने आने के बाद अकेले इंदौर में पॉजिटिव मरीजों की संख्या 128 हो गई है, वहीं मौत का आंकड़ा 7 पर पहुंच गया है। शहर में पिंजारा बाखल और  जवाहर मार्ग से सात संदिग्ध लोगों को क्वारंटाइन कराया गया है । यहां मध्‍य प्रदेश की इस आर्थ‍िक राजधानी का दुखद पहलू ये है कि बड़ों की नासमझी और हठधर्मिता की सजा छोटे बच्‍चे भी भुगत रहे हैं। इंदौर में छोटे-छोटे मासूम बच्चों को भी परिवार के साथ आइसोलेशन में भेजा जा रहा है,अकेले शहर के अब तक 700 से ज्यादा लोगों को क्वारेंटाइन किया जा चुका है। शनिवार देर रात तक जिस ऊषा गंज क्षेत्र के 22 से अधिक लोगों को आइसोलेट किया गया, उसमें कई बच्चे भी शामिल हैं ।

दूसरी ओर अभी जो टाटपट्टी बाखल के 12 लोग पॉजिटिव पाए गए हैं, उन्‍हें लेकर अपर कलेक्टर दिनेश जैन का कहना है कि राऊ-रंगवासा स्थित इंदौर इंस्टीट्यूट ऑफ लॉ (आईआईएल) में क्वारेंटाइन किए गए टाटपट्टी बाखल के लोगों में से कोरोना के इन 12 मरीजों को यहां से हटा लिया गया है । इन सभी को एमआरटीबी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जिससे कि यहां पहले से मौजूद 63 लोगों को कोविड-19 के संक्रमण से बचाया जा सके। दिनेश जैन का यह भी कहना था कि यदि समय रहते इन्‍हें टाटपट्टी बाखल के अन्‍य लोगों से स्क्रीनिंग कर अलग नहीं किया जाता तो अब तक स्‍थ‍िति बहुत भयावह हो चुकी होती, ये 12 लोग पता नहीं कितने सैकड़ों लोगों को प्रभावित करते।  इस तरह देखें तो प्रदेश में इंदौर शहर सीधे तौर पर कोरोना की भट्टी पर बैठा नजर आ रहा है। यहीं पर प्रदेश में सबसे ज्यादा 128 पॉजिटिव केस सामने आए हैं। यही वजह है कि कोरोना पीड़ित मरीजों की मौत का आंकड़ा भी सबसे अधिक यहीं का 07 है। प्रदेश में मालवा के इंदौर के बाद स्‍थ‍िति सबसे अधिक मुरैना की खराब है यहां से अभी तक 12 पॉजिटिव केस सामने आए हैं। उज्जैन में 07 पॉजिटिव केस में से 02 की मौत हो चुकी है। जबलपुर में कोरोना पीड़ित मरीजों की संख्या 08 है। इसी तरह राजधानी भोपाल में 25 कोरोना पीड़ित मरीज हैं। ग्वालियर में 02 और शिवपुरी में 02 पॉजिटिव केस हैं। खरगोन में 03 कोरोना पॉजिटिव मरीजों में से एक की मौत हो चुकी है। इसके अलावा प्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा में भी 02 कोरोना पॉजिटिव मिले हैं, जिनमें से एक की मौत हो चुकी है। बड़वानी में 03 कोरोना पॉजिटिव केस हैं। इसी के साथ ही अब मध्य प्रदेश में कोरोना वायरस से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़कर 193 हो गई है। इनमें से अब तक 36 स्वस्थ हाे गए हैं और भोपाल के दो लोगाें को घर भेजा जा चुका है। शेष 34 को एक-दो की और निगरानी के बाद उन्हें भी घर भेज दिया जाएगा। इनमें से अब तक कुल 11 कोरोना पॉजिटिव मरीजों की मौत हो चुकी है ।

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