सेहत विभाग ने डेंगू ख़िलाफ़ एक ही दिन 30 के करीब जागरूकता रैलियाँ निकाली

फ्राई डे -ड्राई डे मुहिम के अंतर्गत 35 सौ से अधिक घरों का किया कन्टेनर सर्वे
डेंगू ख़िलाफ़ मुहिम में लोग जागरूकता की मुख्य भूमिका – डा. संगीता जैन
डेराबस्सी । सिंहडेराबस्सी में डेंगू के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग द्वारा अलग-अलग सेंटरों के तहत एक ही दिन 30 के करीब जागरूकता रैलियाँ निकालीं गई। जिस में 3528 घरों का सर्वे किया और मौके पर कन्टेनर खाली करवाए गए। इसी लड़ी के अंतर्गत डेराबस्सी शहर में ब्लाक स्तरीय डेेंगू जागरूकता रैली का नेतृत्व डा. संगीता जैन सीनियर मैडीकल अफ़सर ने किया जो कि शहर के अलग अलग क्षेत्रों में से होती हुई वापस सिविल अस्पताल डेराबस्सी में पहुँची। इस मौके डा. संगीता जैन ने रैली के रास्तो में मिलते आम लोगों, रेहड़ी वालों, दुकानदारों और अस्पतालों आदि में लोगों को डेंगू बारे जागरूक करते बताया कि इसके मुख्य लक्षण तेज बुख़ार, सिर दर्द, जोड़ों में दर्द, चमड़ी के दाने, आँखों के पिछले हिस्से में दर्द, मसूड़ों और नाक में से ख़ून बहना आदि हैं। उन्होंने बताया कि खड़े पानी में इसका मच्छर पैदा होता है इसलिए पानी को अपने आसपास इकट्ठा ही न होने दिया जाये। उन्होंने आगे कहा हर शुक्रवार को ड्राई डे घोषित किया गया है जिससे लोगों को मच्छर पैदा होने वाले स्थानों जैसे खाली बर्तन, गमले, टायर, कूलर आदि में पानी संचित होने से रोकने के लिए उत्साहित किया जा सके। कूलर और गमलों को हफ़्ते में एक बार ज़रूर साफ़ किया जाये, कपड़े ऐसे पहनो जिस के साथ शरीर ढका हुआ रहे जिससे आपको मच्छर न काटें, सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग व मच्छर भगाने वाली क्रीम आदि का इस्तेमाल किया जाये। बुख़ार होने पर एस्प्रिन और बरूफिन की जगह सिर्फ़ पैरासिटामोल ही ली जाये, पानी या तरल चीजें ज़्यादा पीएं और आराम किया जाये। डा. जैन ने बताया कि सेहत विभाग की तरफ से डेंगू मामलों सम्बन्धित सर्वे आगामी दिनों में भी जारी रहेगा और जहाँ भी बुख़ार के मामलों में विस्तार होता नज़र आता है वहाँ विशेष मैडीकल कैंपों का प्रबंध किया जाता है। इस के इलावा एमरजैंसी सेवाओं भी 24 घंटे खुली हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि डेंगू और मलेरिया को महामारी रोग एक्ट, 1897 के अंतर्गत नोटीफाइड किया गया है, जिस अनुसार सभी प्राईवेट मैडीकल प्रैकटीशनर को डेंगू और मलेरिया के मामलों की रिपोर्ट सेहत विभाग को देनी ज़रूरी है। नोटिफिकेशन का उल्लंघन करन पर किसी भी हस्पताल विरुद्ध कानूनी कार्यवाही की जा सकती है। उन्होंने बताया कि डेराबस्सी सिविल अस्पताल में इन बीमारियों की जांच निशुल्क की जाती है।

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