हरियाणा विधानसभा का बजट सत्र शुरू, राज्यपाल ने पेश किया रोड मैप
चंडीगढ़ । हरियाणा विधानसभा का बजट सत्र गुरुवार से शुरू हो गया। राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य द्वारा पेश किया गया अभिभाषण अन्य मुद्दों के अलावा बिजली, पानी व किसानों पर केंद्रित रहा। जिसके चलते यह तय माना जा रहा है कि सरकार द्वारा अगले एक वर्ष के दौरान इन क्षेत्रों को प्रमुखता दी जाएगी। राज्यपाल के अभिभाषण के माध्यम से सरकार ने साफ किया है कि अगले दो वर्षों के भीतर यमुना कैनाल की क्षमता में 40 प्रतिशत की वृद्धि की जाएगी।राज्यपाल ने सदन में पेश किए अभिभाषण में प्रदेश वासियों को जल्द से जल्द सतलुज यमुना लिंक नहर के माध्यम से रावी ब्यास का न्योचित हिस्सा दिलवाने का भरोसा दिया है। सरकार का प्रयास है कि हमीदा हेड से इंद्री हैड तक डब्ल्यूजेसी एमएलएल की वर्तमान क्षमता को 13,000 क्यूसिक से बढ़ाकर लगभग 17,530 क्यूसिक तक की जाएगी।राज्यपाल ने कहा कि पश्चिमी यमुना कैनाल की क्षमता बढऩे से हरियाणा को मानसून के दौरान यमुना नदी से तीस प्रतिशत अतिरिक्त पानी मिल रहा है। सरकार क प्रयास है कि अगले दो वर्षों के भीतर पश्चिमी यमुना कैनाल की क्षमता में 40 प्रतिशत तक वृद्धि की जाए।सरकार ने वर्ष 2022 तक प्रदेश के गावों में प्रत्येक व्यक्ति को रोजाना 55 लीटर पानी मुहैया करवाने का फैसला किया है। जल जीवन मिशन के तहत प्रति कनेक्शन 2000 रुपये के रोड कट शुल्क को माफ करने का निर्णय लिया गया है। इसके अलावा ग्रामीण उपभोक्ताओं को 500 रुपये प्रति घरेलू नल कनेक्शन के लिए अग्रिम शुल्क का भुगतान करने का विकल्प भी दिया जा रहा है। केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई अटल भूजल योजना में हरियाणा के 36 खंडों को शामिल किया जाएगा।पानी की तरह बिजली के मुद्दे पर भी सरकार ने गंभीरता दिखाई है। सरकार ने म्हारा गांव जगमग गांव योजना में शामिल हुए 4463 गावों का दायरा बढ़ाने की योजना बनाई है। पिछले तीन वर्षों के भीतर बिजली निगमों की हानि 30.02 से कम होकर 17.45 प्रतिशत तक पहुंच गई जिसे और कम किया जाएगा। राज्यपाल के अभिभाषण में कहा गया है कि सरकार द्वारा फलों व सब्जियों के भंडारण व रेफ्रिजरेटिड ट्रांसपोर्ट के लिए इंटिग्रेटिड पैक हाउस स्थापित किए जा रहे हैं। सरकार ने चालू वर्ष के दौरान बागवानी में 181 करोड़ 72 लाख रुपये की लागत से 52 नई योजनाएं स्थापित करने का फैसला किया है। सरकार ने अगले दो वर्षों में किसान उत्पादक संगठनों की संख्या को बढ़ाकर एक हजार करने का फेसला किया है। हरियाणा की 111 मंडियों में मिट्टी जांच प्रयोगशालाएं स्थापित की जाएंगी।