अमेरिका और तालिबान के बीच शुरू हुई छठे दौर की वार्ता

दोहा । अफगानिस्तान में विगत सत्रह सालों से चल रहे गृह युद्ध समाप्त करने के लिए अमेरिकी प्रतिनिधियों और तालिबान के बीच बुधवार को छठे दौर की वार्ता कतर की राजधानी में यहां शुरू हो गई है। यह जानकारी मीडिया रिपोर्ट से मिली।

उधर अफगानिस्तान सरकार शांति समझौता होने की स्थिति में अपना हित सुरक्षित रखने के लिए लोया जिरगा की बैठक कर रही है। 

समाचार एजेंसी रॉयटर की रिपोर्ट के मुताबिक, तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने कहा कि दोहा में हो रहे अमेरिकी प्रतिनिधियों और तालिबान के बीच छठे दौर की वार्ता में अफगान सरकार के प्रतिनिधियों को भाग लेने की अनुमति नहीं दी गई है।
उन्होंने आगे कहा कि इस वार्ता में किसी भी तीसरे पक्ष को शामिल नहीं किया गया है। केवल कतर के अधिकारी मेजबान के रूप में उपस्थित हैं।
विदित हो कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के व्यापक हित में अफगान युद्ध समाप्त करना चाहते हैं। वह अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की सुरक्षित वापसी और इस भूक्षेत्र का शेष दुनिया के खिलाफ इस्तेमाल नहीं होने देना की तालिबान से गारंटी चाहते हैं।

इसके अलावा ट्रंप की चिंता यह भी है कि अफगानिस्तान में अमेरिका का हर साल 45 अरब डॉलर खर्च हो रहा है। अगर तालिबान के साथ शांति समझौता हो जाता है तो अमेरिकी खजाना को लाभ होगा।
काबुल में एक पश्चिमी राजनयिक ने कहा कि इस दौर की वार्ता में अफगानिस्तान में शांति स्थापित करने के लिए नियुक्त अमेरिका के विशेष दूत जलमय खलीलजाद मुख्य रूप से लड़ाई बंद करने की दिशा पहले कदम के रूप संघर्ष विराम पर जोर देंगे। 
इस बीच खलीलजाद के साथ काम करने वाले एक अधिकारी ने कहा, “ खलीलजाद अफगान युद्ध का राजनीतिक हल निकालने के लिए तालिबान को अफगान सरकार के प्रतिनिधियों से वार्ता के मुद्दे पर राजी करेंगे। “
उल्लेखनीय है कि खलीलजाद आफगान युद्ध समाप्त करने के लिए पिछले कुछ दिनों में कई एशियाई देशों की राजधानियों का दौरा कर चुके हैं।



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