रेलवे में किन्नर के ट्रेन चालक बनने से होगी एक नए युग की शुरुआत
नई दिल्ली । भारतीय रेलवे के इतिहास में जल्द ही एक नए युग की शुरुआत होने वाली है। रेलवे ने देशभर में हुई ऑनलाइन परीक्षाओं में एक ट्रांसजेंडर (किन्नर) को भी ट्रेन चालक/तकनीशियन पद के लिए चुना है।
रेलवे में लोको पायलट सहित विभिन्न 64,371 पदों के लिए कुल 47 लाख उम्मीदवारों ने आवेदन किया था। इसमें 27,795 सहायक लोको पायलट और 36,576 तकनीशियनों के पद हैं। ऑनलाइन परीक्षाओं में प्रदर्शन के आधार पर रेलवे ने अब 86751 उम्मीदवारों की एक संक्षिप्त सूची तैयार की है। इसमें गोरखपुर के एकमात्र किन्नर के अलावा 2,941 महिला और 83,810 पुरुषों के नाम शामिल हैं। चयनित उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र सौंपने से पहले उन्हें अगले सप्ताह से दस्तावेज सत्यापन और चिकित्सा परीक्षा के लिए बुलाया जाएगा। इन दोनों परीक्षाओं में सफल होने वालों को रेलवे में सेवा का मौका मिलेगा।
रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यदि किन्नर उम्मीदवार सत्यापन और मेडिकल परीक्षण में सफल हो जाता है, तो भारतीय रेलवे में किन्नरों के लिए वह उदाहरण बनेगी। उन्होंने कहा कि ट्रेन चालक या तकनीशियन के रूप में किन्नरों या महिलाओं का चयन भविष्य में उन जैसे अनेक लोगों को रेलवे में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करेगा।
रेलवे को आमातौर पर पुरुष प्रधान पेशे के रूप में देखा जाता रहा है लेकिन महिलाओं ने अब इस मिथक को तोड़ने की शुरुआत कर दी है। इसकी बानगी मौजूदा परीक्षाओं में महिला उम्मीदवारों की भागीदारी और शानदार प्रदर्शन में देखने को मिलती है। इसमें सहायक लोको पायलट, फिटर, वेल्डर और मशीनिस्ट बनने की दौड़ में कुल 98 किन्नर उम्मीदवार और लगभग 4.75 लाख महिलाएं थीं। बड़ी संख्या में महिलाएं अब रेलवे में लोको पायलट या तकनीशियन बनने में रुचि दिखा रही हैं और वह शॉर्टलिस्ट भी हुई हैं।
महिलाओं की अधिकतम संख्या(398) इलाहाबाद से, उसके बाद सिकंदराबाद(322), कोलकाता(257), मुंबई(242), चंडीगढ़(152) और रांची से (150) हैं। जम्मू और श्रीनगर से चार महिलाओं ने क्वालीफाई किया है, जबकि सिलीगुड़ी, त्रिवेंद्रम और भुवनेश्वर की संख्या क्रमशः 25, 98 और 131 है।