सिंघु बार्डर छेत्रवासी रास्ता रोकने वालों का बहिष्कार करने पर मजबूर , असल मुद्दा हमारा रोजगार न कि आंदोलन

चंडीगढ़ । सिंघु बॉर्डर को एक तरफ से खुलवाने के लिए   टी डी आई किंग्सबेरी नांगल रोड पर छेत्र वासियों द्वारा  पंचायत की गई जिसमे 15 गांव के लोगो सहित टी डी आई, टुलिप, मैक्स हाइट्स इंडस्ट्रियल एरिया के लोगो ने हिस्सा लिया। गांव नांगल कला में ही कुछ लोगों द्वारा अपना राजनीतिक स्वार्थ पूरा करने के लिए राष्ट्रवादी परिवर्तन मंच की पंचायत का विरोध भी किया गया था परंतु अधिकतर गांव वासियों ने पंचायत में पहुंचकर मंच की मुहिम का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि जो लोग गांव में आंदोलन के नाम पर रास्ता रोकने का समर्थन कर रहे हैं वह लोग ना केवल ग्राम वासियों के खिलाफ जा रहे हैं बल्कि पूरे क्षेत्र के विकास में बाधा बन रहे हैं। इसलिए नांगल के लोगो ने पहुँच कर पंचायत का समर्थन किया। पंचायत की अध्यक्षता करते हुए हेमंत नांदल ने कहा कि अब सारा क्षेत्र एक तरफ का रास्ता खोलो अभियान से जुड़ रहा है और लोग सिंघु बॉर्डर को एक तरफ से खुलवाने के लिए संगठित होकर अब अपनी आवाज़ उठा रहे हैं। 9 महीने से हाईवे बन्द के कारण क्षेत्र बर्बाद होने की कगार पर है और फॅक्ट्रीयोँ के लगातार पलायन से आम जन में बेरोजगारी असुरक्षा एवं जीवन की अन्य समस्या चरम पर हैं। हम किसान आंदोलन के विरोध में नही है केवल अपने क्षेत्र की समस्या उठा रहे हैं।  मंच की पंचायत को समर्थन देने के लिए टिकरी बॉर्डर से जयकिशन, विजय राणा समेत दर्जनों लोगों पहुंचे और उन्होंने कहा कि हम सभी की समस्या एक है और भविष्य के कार्यक्रम एक साथ मिलकर करेंगे ताकि प्रशासन और सरकार पर जल्द रास्ता खोलने का दबाव बनाया जा सके। टिकरी बॉर्डर से जयकिशन ने कहा कि अकेले बहादुरगढ़ से करीब सात लाख कामगार लोग प्रभावित हो रहे हैं और फैक्ट्री बन्द होने की कगार पे हैं। पंचायत में पहली बार महिलाओं ने भी बढ़ चढ़ के भाग लिया और मातृ शक्ति ने रास्ता खुलवाने का जोरदार समर्थन किया। बहन जयश्री ने कहा कि शाम के समय कामकाजी महिलाओं का हाईवे से घरो तक जाने में भी पूरी तरफ सुरक्षित नही समझती। दिल्ली पढ़ने वाली छात्राओं को 4-5 किलोमीटर पैदल चल कर सिंघोला से बस पकड़नी पड़ती है। गांव सेरसा के मोनू प्रधान ने कहा कि आंदोलन से उनका कोई लेना देना नहीं है परंतु जो लोग जो पक्ष और जो पार्टी या अन्य कोई भी संगठन अपने राजनीतिक फायदे के लिए सिंघु बॉर्डर एवं टिकरी बॉर्डर को किसान आंदोलन के नाम पर बंद करने का समर्थन कर रहे हैं उनकी पहचान कर ली गई है और दिल्ली एवं हरियाणा के सभी गांव उन लोगों का पूर्ण बहिष्कार करेंगे चाहे वह किसी भी पद पर हो या किसी भी पद के लिए समर्थन मांगे उनको अब किसी भी गांव से कोई समर्थन नहीं मिलेगा। इस मुहिम को अब एक जन-आन्दोलन  का रूप दिया जाएगा जब तक रास्ता नहीं खुलता । रास्ता खुलने के बाद भी उन लोगों का पुरजोर और एकमत से विरोध किया जाएगा जो लोग सिंघु एवं टिकरी बॉर्डर को खुलवाने की मुहिम का विरोध कर रहे हैं। आनंद चौहान ने कहा कि सिंघु बॉर्डर बंद होने  से उनकी गुप्ता मार्किट में धंधा खत्म हो गया है और उसके बन्द होने की नौबत आ गयी है।  रामफल सरोहा ने कहा प्रशासन सोनीपत द्वारा kmp पे जो बैरिकेडिंग की गई है उसको तुरंत उठाना चाहिए ताकि नजदीक के गांव के लिंक रोड़ों की से गुजरने वाला ट्राफिक मेन रोड से गुजर सके और गावो के रोडो पे दबाव कम हो सके।आसपास के क्षेत्र के लोग  मंच के समक्ष अपनी समस्याएं रखते हैं वह बताते हैं कि वो जिला प्रशासन एवं अन्य सभी जगह प्रयास कर चुके हैं परंतु आंदोलन का डर दिखाकर उनकी आवाज दबा दी जाती है। हेमन्त नांदल ने पंचायत के 3 फैसले बताते हुए कहा कि अगर अब आंदोलन के नाम पर कहीं रास्ता रोकने एवं किसी भी तरह की हिंसक कार्रवाई होती है तो उसका जवाब तुरंत स्थानीय लोगों के द्वारा दिया जाएगा जिसके लिए वह टीम में तैयार की जा चुकी है। उन्होंने कहा की अब इस अभियान को तेज गति देने के लिए हर गांव में समिति का गठन किया जाएगा और सब क्षेत्रवासिओं को साथ लेकर 15 दिन बाद एक बड़ा प्रदर्शन करेंगें। और रास्ता खोलने के विरोध करने वालो का बहिष्कार किया जाएगा। पंचायत को सफल बनाने में सभी सभी स्थानीय लोगों की मुख्य भूमिका रही है जिसमे आनंद चौहान, राजा, मांगेराम प्रधान, चरण सिंह चौहान, मनीष चौहान सोहन, नेहा कोहली, मोना कटारिया, राकेश सहरावत, महेश अनेजा , दीपक मंगला, समेत सैकड़ो साथी उपस्थित रहे।

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