झारखंडः संघ प्रमुख 31 जुलाई को रामरेखा धाम जायेंगे, बाबा उमाकांत महाराज से होगी मुलाकात

आज देर शाम रांची पहुंचेंगे डॉ. मोहन भागवत, रात्रि विश्राम के बाद बुधवार सुबह निकलेंगे सिमडेगा

रांची । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत संघ के विशेष संपर्क अभियान के तहत 31 जुलाई बुधवार को सिमडेगा पहुंचेंगे। वहां रामरेखा धाम के बाबा उमाकांत जी महाराज से उनकी मुलाकात होगी। इसके साथ ही वे रामरेखा धाम विकास समिति और हिंदू धर्म रक्षा समिति के सदस्यों से भी मिलेंगे। मुलाकात के बाद वे उसी दिन रांची लौट जाएंगे। सिमडेगा जाने के लिए वे आज मंगलवार की देर शाम रांची पहुंच जाएंगे। रांची में रात्रि विश्राम के बाद बुधवार सुबह सिमडेगा के लिए प्रस्थान करेंगे। इससे पहले भी वे झारखंड-बिहार के क्षेत्र प्रचारक के रूप में सिमडेगा जाते रहे हैं।

विशेष संपर्क योजना के तहत संघ प्रमुख देशभर में साधु-संतों से अपने प्रवास के दौरान मुलाकात करते रहे हैं। इसी कड़ी में वे रामरेखा धाम के बाबा से मिलने आ रहे हैं। पिछले वर्ष 17 नवंबर को जब मोहन भागवत रांची आए थे तो मुलाकात के क्रम में रामरेखा धाम के बाबा उमाकांत जी महाराज ने उन्हें सिमडेगा आने का निमंत्रण दिया था, जिसे उन्होंने स्वीकार किया था। 

आठ माह पहले भी रांची में संघ प्रमुख से मिले थे बाबा उमाकांत महाराज

पिछले वर्ष 17 नवंबर को सर संघचालक डॉ. भागवत एक दिवसीय प्रवास पर बनारस से रांची आये थे। स्टेशन से सीधे वे मोरहाबादी मोहल्ले के हरिहर सिंह रोड स्थित झारखंड-बिहार के सह क्षेत्र संघचालक देवव्रत पाहन के आवास पर पहुंचे थे। अपने सात घंटे के प्रवास के दौरान उन्होंने झारखंड के प्रमुख रामरेखा धाम के बाबा उमाकांत महाराज सहित पाहन-पुजारियों (साधु-संतों) और सरना समाज के लोगों से अलग-अलग मुलाकात की थी। इसके अलावा पालकोट के बुधवा उरांव और श्यामा प्रसाद मुखर्जी विवि के कुलपति डॉ. सत्यनारायण मुंडा और मेघा उरांव सहित सरना समाज के लोग संघ प्रमुख से मिले थे। संघ प्रमुख ने सरना समाज के लोगों से समाज में जागरूकता फैलाने का आह्वान किया था। इसके बाद शाम साढ़े चार बजे वे गिरिडीह के लिए रवाना हो गए। गिरिडीह में रात्रि विश्राम के बाद रविवार सुबह देवघर पहुंचे। वहां ठाकुर अनुकूल चंद्र आश्रम में प्रबुद्ध वर्ग के लोगों से मुलाकात की थी। वहां से संघ प्रमुख 19 नवंबर को भागलपुर पहुंचे थे और वहां उन्होंने 20 और 21 नवंबर को क्षेत्रीय-प्रांत कार्यकारिणी की बैठक में हिस्सा लिया था।

इससे पहले सिमडेगा आये थे 5वें सरसंघचालक केसी सुदर्शन

डॉ. भागवत से पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 5वें सरसंघचालक केसी सुदर्शन 6 अप्रैल 2001 को विराट हिंदू सम्मेलन में शामिल होने रामरेखा धाम के बाबा जयराम प्रपन्नाचार्य महाराज के आग्रह पर सिमडेगा पहुंचे थे। इसके बाद सिमडेगा और आसपास के इलाके में बड़े पैमाने पर चल रहे धर्मांतरण के खेल में कमी आई थी।

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