भारत और नेपाल ने पनबिजली परियोजना के फाइनेंशियल क्लोज़र पर किए हस्ताक्षर

काठमांडू । भारत और नेपाल ने गुरुवार को  नेपाल के बड़ी पनबिजली परियोजना परियोजना के फाइनेंशियल क्लोज़र पर हस्ताक्षर किए। यह अरुण-III नाम की ये परियोजना भारत के सहयोग से बनाई जा रही है। भारत ने 900 मेगावॉट की इस परियोजना के लिए 100 बिलियन नेपाली रुपये के निवेश का वादा किया है। यह नेपाल के संखूवासभा जिले में बनाई जाएगी। इस परियोजना ने विदेशी निवेश का रिकॉर्ड कायम किया है। इसके लिए दो नेपाली और पांच भारतीय बैंको ने इस परियोजना के निर्माण के लिए कर्ज देने की प्रतिबद्धता जताई है। सतलुज जल विद्युत निगम के अध्यक्ष और मैनेजिंग डायरेक्टर नंद लाल शर्मा ने बताया कि यह परियोजना 2023 तक पूरी होने जाएगी, लेकिन इस समय से पहले पूरा करने की हमारी भरपूर कोशिश रहेगी। उन्होंने कहा कि कंपनी को प्रोजेक्ट साइट पर कई रुकावटों का सामना करना पड़ा जैसे समय पर उचित परिवहन और सड़क मार्ग की कमी। इसके बावनजूद भी हमें नेपाल सरकार से भरपूर सहयोग मिल रहा है। जिसके चलते हम समय रहते रुकावटों को पार कर रहे हैं। इस परियोजना में अब तक 30 प्रतिशत भौतिक कार्यों में और 12 प्रतिशत  वित्तीय कार्यों में  प्रगति हासिल की है। वर्तमान में हम इक्विटी निवेश के जरिए 27 बिलियन रुपये के निर्माण कार्य को अंजाम दे रहे हैं। नाबिल बैंक के सीईओ अनिल शाह का कहना है कि बैंक ने मल्टिनेशनल फर्म के साथ सहयोग कर बड़े स्तर की परियोजना का अनुभव हासिल करने के लिए निवेश किया है। उल्लेखनीय है कि भारतीय बैंकों में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, पंजाब नेशनल बैंक, कैनरा बैंक, एक्जिम बैंक और यूनियन बैंक निवेश कर रहे हैं। नेपाल के बैंको में एवरेस्ट बैंक और नाबिल बैंक शामिल हैं।

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