मध्यप्रदेश की आठ सीटों पर 12 को होगा मतदान, कई दिग्गजों की साख दांव पर

कई सीटों पर होगा कांटे का मुकाबला

भोपाल । देश के छठवें चरण के अंतर्गत मध्यप्रदेश की आठ लोकसभा सीटों पर आगामी 12 मई को मतदान होगा। इनमें मुरैना, भिंड, ग्वालियर, गुना, सागर, विदिशा, राजगढ़ और भोपाल सीट शामिल हैं। देशभर की निगाहें इन सीटों पर टिकी हुई हैं, क्योंकि इन क्षेत्रों में केंद्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया, प्रदेश के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह समेत कई दिग्गजों की साख दांव पर लगी हुई है। यह देश का छठवां और मध्यप्रदेश का तीसरा चरण होगा।

प्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक, प्रदेश के तीसरे चरण में आगामी 12 मई को आठ संसदीय क्षेत्रों मुरैना, भिण्ड (अजा), ग्वालियर, गुना, सागर, विदिशा, भोपाल और राजगढ़ में मदान होगा। इन क्षेत्रों में कुल 138 विधिमान्य उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। इनमें मुरैना में 25, भिण्ड (अजा) में 18, ग्वालियर में 18, गुना में 11, सागर में 10, विदिशा में 13, भोपाल में 30 और राजगढ़ में 11 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।

उल्‍लेखनीय है कि मध्यप्रदेश में पहले चरण में गत 29 अप्रैल को छह और दूसरे चरण में सात संसदीय क्षेत्रों में 06 मई को शांतिपूर्ण मतदान संपन्न हो चुका है। तीसरे चरण में प्रदेश की सबसे हाट सीटों पर 12 मई को मतदान होगा, जहां कई दिग्गजों के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिलेगा। देशभर में सबसे ज्यादा सुर्खियों में रही भोपाल लोकसभा सीट पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह बनाम भाजपा उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के बीच कांटे का मुकाबला होगा, क्योंकि यहां चुनावी मैदान धर्मयुद्ध में तब्दील हो गया है। वहीं, गुना में ज्योतिरादित्य सिंधिया और मुरैना में नरेंद्र सिंह तोमर की प्रतिष्ठा दांव पर है। इन दिग्गजों की जीत के लिए दोनों प्रमुख पार्टियों भाजपा और कांग्रेस ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। प्रदेश में स्टार प्रचारकों का जमावड़ा लगा हुआ है। 

सिंधिया परिवार के प्रभाव वाली गुना-शिवपुरी संसदीय सीट से कांग्रेस ने ज्योतिरादित्य सिंधिया पर भरोसा जताया है कि भाजपा ने उनके सामने केपी यादव पर दांव लगाया है। उनके समर्थन में भाजपा के दिग्गज लगातार चुनाव प्रचार में जुटे हैं। वहीं, ग्वालियर सीट बदलकर मुरैना पहुंचे भाजपा सांसद और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के लिए यह चुनाव प्रतिष्ठा का सवाल है। मुरैना उनकी पुरानी सीट रही है, लेकिन पांच साल में उनके लिए यहां चुनौतियां काफी बढ़ चुकी हैं। कांग्रेस ने उनके सामने पूर्व विधायक रामनिवास रावत को चुनाव मैदान में उतारा है, जो गत विधानसभा चुनाव में हार गए थे। 

भिंड से भाजपा ने पूर्व विधायक संध्या राय और कांग्रेस ने बसपा छोड़कर आए देवाशीष जरारिया को टिकट दिया है। इस क्षेत्र में पूरा वोट जातीय समीकरणों पर टीका है, इसलिए यहां मुकाबला रोमांचक होने के आसार हैं। इसी तरह ग्वालियर में भाजपा उम्मीदवार विवेक नारायण शेजवलकर का मुकाबला कांग्रेस के अशोक सिंह से होगा। यहां गत विधानसभा चुनाव में कांग्रेस मजबूत हुई है, जबकि मौजूदा सांसद नरेंद्र सिंह तोमर को लेकर लोगोंं में कुछ नाराजगी जरूर दिख रही है। यहां भाजपा-कांग्रेस के बीच मुकाबला कांटे की टक्कर होने की उम्‍मीद है।


इधर, सागर सीट पर भाजपा के राजबहादुर सिंह और कांग्रेस के प्रभुसिंह ठाकुर आमने-सामने हैं। दोनों पार्टियों ने इस सीट पर नये चेहरों पर दांव खेला है। यह सीट 1996 से भाजपा के पास है, लेकिन इस बार दोनों ही पार्टियों ने यहां पूरी ताकत लगाई है। इसी प्रकार विदिशा सीट से भाजपा 1989 से जीतती आ रही है। अटल बिहारी वाजपेयी, सुषमा स्वराज और शिवराज सिंह चौहान के कारण पहचानी जाने वाली विदिशा सीट पर भाजपा ने नए चेहरे रमाकांत भार्गव और कांग्रेस ने शैलेंद्र पटेल को मौका दिया है। वहीं, राजगढ़ यह दिग्विजय सिंह की परंपरागत सीट रही है, लेकिन उनके खेमे से मोना सुस्तानी कांग्रेस की उम्मीदवार है, जबकि भाजपा ने मौजूदा सांसद रोडमल नागर को दोबारा मैदान में उतारा है। आगामी 12 मई को इन सीटों पर मतदान होगा और इन दिग्गजों का भाग्य ईवीएम में कैद हो जाएगा।

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